थंगालान: मद्रास हाई कोर्ट का आदेश और वित्तीय विवाद का निपटारा

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By Ravi Dubey

थंगालान: मद्रास हाई कोर्ट का आदेश और वित्तीय पृष्ठभूमि

मद्रास हाई कोर्ट का आदेश

12 अगस्त 2024 को, मद्रास हाई कोर्ट ने फिल्म प्रोडक्शन हाउस स्टूडियो ग्रीन को आदेश दिया कि वे अपनी आगामी फिल्मों ‘थंगालान’ और ‘कंगुवा’ को ₹1 करोड़ की जमा राशि के बिना रिलीज़ नहीं कर सकते।

समय सीमा: यह जमा राशि 14 अगस्त 2024 तक ऑफिसियल असाइनी के पास जमा करनी होगी, ताकि ‘थंगालान’ की रिलीज़ 15 अगस्त 2024 को हो सके।

कानूनी और वित्तीय संदर्भ

यह आदेश ऑफिसियल असाइनी द्वारा दायर की गई एक एग्जीक्यूशन पिटीशन के आधार पर दिया गया, जो देनदार व्यवसायी अर्जुनलाल सुंदरदास के बकाया ऋण को वसूलने के लिए था।

पृष्ठभूमि: सुंदरदास ने 2011 और 2012 के बीच स्टूडियो ग्रीन में ₹12.85 करोड़ का निवेश किया था, लेकिन उन्हें केवल ₹2.5 करोड़ की वापसी मिली, जिससे ₹10.35 करोड़ का बकाया रह गया। कोर्ट ने पहले ही स्टूडियो ग्रीन को इस राशि को ब्याज सहित जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया, जिसने वर्तमान एग्जीक्यूशन पिटीशन को जन्म दिया।

कोर्ट की निष्कर्ष

स्टूडियो ग्रीन ने दावा किया था कि उन्होंने सुंदरदास को तीन तमिल फिल्मों के हिंदी रीमेक अधिकार देकर राशि की भरपाई कर दी थी। हालांकि, कोर्ट ने इस दावे को अस्वीकार कर दिया क्योंकि इसके समर्थन में मूल दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं थे। प्रोडक्शन हाउस का दावा था कि ये दस्तावेज़ बाढ़ में नष्ट हो गए थे।

क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन: क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन के दौरान, प्रोडक्शन हाउस के दावे में कई विसंगतियाँ पाई गईं, विशेष रूप से दस्तावेजों के भंडारण और विनाश के संबंध में।

निष्कर्ष

मद्रास हाई कोर्ट ने स्टूडियो ग्रीन को आदेश दिया है कि वे ₹1 करोड़ की राशि जमा करें ताकि उनकी फिल्में ‘थंगालान’ और ‘कंगुवा’ रिलीज़ हो सकें। यह आदेश कोर्ट के पिछले आदेशों की अवहेलना और वित्तीय विवादों के मद्देनजर जारी किया गया है।

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