प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस 2024 पर भाषण: समान नागरिक संहिता के समर्थन में
स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उनके भाषण का मुख्य आकर्षण समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और इसे लागू करने की आवश्यकता पर जोर था।
समान नागरिक संहिता का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर विभाजन करने वाले कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए और उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया जो देश को एकजुट करेगा और सभी नागरिकों के लिए समानता सुनिश्चित करेगा।
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार समान नागरिक संहिता की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान नागरिक संहिता को भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक नागरिक प्रथाओं का अवशेष माना गया है, जिसे बदलने की आवश्यकता है।
संवैधानिक कर्तव्य
मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह समान नागरिक संहिता को लागू करे, और यह संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चर्चा का आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता पर व्यापक चर्चा और राय लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए यह आवश्यक है और यह एक आधुनिक समाज की आधारशिला है।
राजनीतिक संदर्भ
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का समर्थन किया गया है और कई BJP-शासित राज्य सरकारों ने इसे लागू करने के लिए कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर संबोधित करने की प्रतिबद्धता जताई।
अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा, चिकित्सा शिक्षा में सुधार, हरित नौकरियों और जलवायु परिवर्तन, राजनीतिक प्रणाली में सुधार, आर्थिक और विनिर्माण लक्ष्यों, कृषि क्षेत्र और ओलंपिक की मेजबानी जैसे विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात की।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा
प्रधानमंत्री ने कोलकाता में एक मेडिकल छात्रा के बलात्कार और हत्या के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने जनता के गुस्से को साझा किया और अपराधियों के लिए सख्त सजा की आवश्यकता पर जोर दिया।
चिकित्सा क्षेत्र और शिक्षा
मोदी ने अगले पांच वर्षों में 75,000 नई चिकित्सा सीटें जोड़ने की घोषणा की ताकि छात्रों को विदेश में शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता न पड़े। उन्होंने एक ऐसे शिक्षा प्रणाली के निर्माण की प्रतिबद्धता व्यक्त की जो विदेशी छात्रों को भारत आकर्षित करेगी।
हरित नौकरियां और जलवायु परिवर्तन
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में हरित नौकरियों के महत्व पर जोर दिया और भारत की हरित हाइड्रोजन उत्पादन में वैश्विक नेता बनने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राजनीतिक प्रणाली और शासन
मोदी ने राजनीतिक प्रणाली में परिवारवाद और जातिवाद से निपटने के लिए बिना राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले 1 लाख युवाओं को शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की भी वकालत की।
आर्थिक और विनिर्माण लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं और राज्य सरकारों से आकर्षक निवेश नीतियां बनाने का आग्रह किया।
कृषि क्षेत्र
मोदी ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और भारत को जैविक खाद्य की टोकरी के रूप में बदलने के सरकार के प्रयासों को भी उजागर किया।
ओलंपिक की आकांक्षाएं
प्रधानमंत्री ने ओलंपिक खिलाड़ियों को बधाई दी और 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने के भारत के सपने को व्यक्त किया।
एकता और प्रगति
मोदी ने ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को दोहराया और इसे एक महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता बताया। उन्होंने हाल की प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों के प्रति एकजुटता व्यक्त की और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस 2024 पर भाषण न केवल समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर केंद्रित था, बल्कि इसमें विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गई। उनके इस भाषण ने देश के विकास और एकता के लिए एक नई दृष्टि प्रस्तुत की।